The Forest Man of India : Jadav "Molai" Payeng (Assam) फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया : जादव 'मोलई' पायेंग (असम)

 दुनियाभर में फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध जादव 'मोलई' पायेंग असम के जोरहट जिले में रहते हैं.

फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया के नाम से पहचाने जाने वाले जादव 'मोलई' पायेंग असम के जोरहट जिले के निवासी हैं. जादव 'मोलई' पायेंग ने 40 साल तक अकेले मेहनत कर ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे 1,360 एकड़ की कीचड़ भरी बंजर ज़मीन को हरे भरे जंगल में बदल दिया जिसमें विभिन्न प्रकार के पशु, पक्षी निवास करते हैं. उनके इस सराहनीय कार्य के लिए वर्ष 2015 में जादव मोलाई को पद्मश्री पुरष्कार से भी सम्मानित किया गया.

जादव मोलाई ने 16 वर्ष की उम्र से हर रोज एक पौधा लगाना शुरू किया था. आजदेखते ही देखते उन्होंने अकेले ही 15 फ़ुटबॉल मैदानों के बराबर फैले हुए विशाल जंगल का निर्माण कर दिया है. यह वास्तव में अकल्पनीय और सोच से परे है कि एक अकेला व्यक्ति एक कीचड़ भरी जमीन को इतने विशाल जंगल में तब्दील कर सकता हैं. जादव मोलई को भारत का वन पुरुष भी कहा जाता है.

जादव मोलाई ने जंगल को विकसित करके हजारों जंगली जानवरों को रहने के लिए जगह भी दी है, उनके इस प्रयास से पर्यावरण संरक्षण की एक अनोखी मिसाल भी कायम हुई है. जोराहाट में कोकिलामुख के पास के स्तिथ इस जंगल का नाम उन्ही के नाम पर रखा गया है “मोलई फॉरेस्ट”. उन्होंने अब तक इस जंगल में 4 करोड़ से भी अधिक पेड़ लगाये हैं. 


 

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